आप क्या कहेंगे, या क्या सोचते, या कहिये क्या करेंगे .....
मुश्किले बहुत हैं हमारे देश में, लेकिन सिर्फ करने वालो के के लिए...जो देखते है या सिर्फ सोचते है उनके लिए कुछ मुस्किल नहीं है..इन बचो की आँखों में क्या सपने है? मैं भी केवल सोचने ओर देखने वालो की लिस्ट में शामिल हूँ..पर चाहती हु इन बचो की आँखों में हमारे घर के बच्चों जैसे सपने हो.......
रविवार, मार्च 28, 2010
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बहुत बढ़िया लिखा है. ऐसे ही आगे भी लिखती रहो.
जवाब देंहटाएंseema pehli bar tumhara blog dekha, good work
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